किसी भी क्षेत्र में सर्वप्रथम कुछ भी प्राप्त करने वालों को हमेशा याद रखा जाता हैं, अगर आपके सामने "किरण बेदी" का नाम लिया जाए तो आप कहेंगे भारत की सर्वप्रथम महिला IPS अधिकारी, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि किरण बेदी को क्रेन बेदी भी कहा जाता है, जी हाँ।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि किरण बेदी का नाम क्रेन बेदी कैसे पड़ा या क्यों किरण बेदी को क्रेन बेदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
| किरण बेदी |
किरण बेदी को क्रेन बेदी क्यों कहा जाता है?
Why kiran bedi is known as crane bedi -
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किरण बेदी (1972 से 2007 ) 35 वर्ष तक सेवा में रही, इस अवधि के दौरान 1982 में दिल्ली में आयोजित किये जा रहे एशियाई गेम्स (Asian games) की वजह से वहां उत्पन्न भारी ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए उन्हें ट्रैफिक मैं DCP (डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस) के रूप में नियुक्त किया गया,
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जहाँ उनके द्वारा यातायात के सुचारु ढंग से संचालन के लिए कई तरह के सख्त नियम और कानून लाए गए और विशेष रूप से गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों को हटाने के लिए अलग-अलग जगहों पर क्रेन (Crane)को तैनात करवाया गया।
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इन सभी यातायात नियम और कानून का प्रभाव था कि तत्कालीन संसद सदस्य और हमारे पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी अपनी कार पार्किंग के लिए कार पार्किंग लेबल लेकर एशियाई गेम्स (Asian games) में शामिल होने पहुंचे थे।
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इन्ही दिनों एक दिन किरण बेदी के निर्देश पर पेट्रोलिंग कर रहे एक पुलिसकर्मी के द्वारा क्रेन की मदद से कनॉट प्लेस स्थित गलत तरीके से पार्क किए गए कार को हटा लिया गया था, जिसके बाद पता चला की वो कार तत्तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की थी, उस समय इस पर हंगामा भी हुआ लेकिन अंततः किरण बेदी और उनके पुलिसकर्मी के काम की सराहना की गयी।
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जिसके बाद धीरे धीरे वहां के जनता को एहसास हुआ कि यातायात नियमों और कानून में किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा और न ही किसी के प्रति नियम और कानून में कोई मतभेद दिखेगा।
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यही वो समय(1982-83) था और इन्ही सख्त यातायात नियमों और कानून (विशेष रूप से गलत तरीके से पार्क किए गए कार को हटाने के लिए क्रेन(crane) की तैनाती) और साथ ही साथ किरण बेदी की नियम और कानून के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए दिल्ली के लोग उन्हें किरण बेदी से ज्यादा क्रेन बेदी के नाम से जानने लगे। और आज धीरे-धीरे हम सब भी उन्हें क्रेन बेदी के नाम से जानते है।
Kiran bedi's own statement during a session :-
"Today it is history that if any time any DCP (Deputy Commissioner of Police) traffic challaned a prime minister's car, it was august 16 th 1983 by kiran Bedi.
- Kiran bedi
आज यह इतिहास है कि अगर कभी किसी डीसीपी ट्रैफिक ने किसी प्रधानमंत्री की कार का चालान किया, तो वह 16 अगस्त 1983 को किरण बेदी द्वारा किया गया था।
- किरण बेदी
अगर संक्षिप्त में बात करे तो 1982-83 के दौरान बतौर दिल्ली डीसीपी ट्रैफिक एशियाई गेम्स के आयोजन के वजह से दिल्ली में उत्पन्न भारी ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए किरण बेदी द्वारा लाये गए यातायात नियम और अलग-अलग जगहों पर क्रेन की तैनाती तथा कानून और यातायात नियमों के प्रति किरण बेदी की प्रतिबद्धता को देखते हुए दिल्ली के लोगों ने किरण बेदी को क्रेन बेदी कहना शुरू कर दिया था।
हमें उम्मीद हैं कि अब आप समझ गए होंगे कि किरण बेदी को क्रेन बेदी क्यों कहा जाता हैं या कैसे इनका नाम क्रेन बेदी पड़ा। अगर इस आर्टिकल से जुड़े आपके कोई सुझाव, शिकायत या कोई प्रतिक्रिया हो तो कमेंट में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी जरूर करें।
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