||वर्ष-2022||जानिए इसरो के आगामी मिशन कौन कौन से हैं? Upcoming Missions of ISRO in Hindi ||

इसरो, भारतीय स्पेस एजेंसी आज केवल रॉकेट के निर्माण और लॉन्चिंग तक ही सीमित नही हैं, यह आज अपने मिशन के द्वारा अन्य ग्रहों को भी एक्स्प्लोर कर रहा हैं और अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी अलग पहचान बना रहा हैं,

हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में कोरोना महामारी के कारण यह ज्यादा चर्चा में नही रहा हैं पर वर्तमान में इसरो के द्वारा कई बड़े मिशन पर काम किया जा रहा हैं जो आने वाले समय में इसरो को और ऊंचाइयों पर ले जाने में मददगार साबित होगा।

आज के इस पोस्ट में हम ऐसे ही इसरो के कुछ upcoming स्पेस मिशन की जानकारी आपके सामने लाये हैं जिसे इसरो द्वारा वर्ष 2022 एवं आने वाले दो तीन वर्षों में लॉन्च किया जाना हैं।

इसरो के इन आगामी मिशनों में कुछ कृत्रिम उपग्रह को पृथ्वी के अवलोकन के लिए पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा तो वहीं कुछ स्पेस मिशन के द्वारा अन्य ग्रह उपग्रह जैसे मंगल, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा आदि तक पहुंचा जाएगा। यहाँ इसरो के आगामी मिशन की जानकारी दी गयी हैं।



इसरो के आगामी मिशनों की सूची।
  1. EOS-O4 (RISAT-1A)
  2. चंद्रयान-3
  3. गगनयान
  4. आदित्य L-1
  5. NISAR
  6. मंगलयान-2
  7. LUPEX
  8. शुक्रयान-1


इसरो के आगामी मिशन

1. EOS-O4 (RISAT-1A)

EOS-04 एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है जिसे RISAT-1A के नाम से भी जाना जाता हैं। RISAT-1A का अर्थ रडार इमेजिंग सैटेलाइट हैं, यह अपने श्रेणी(RISAT) का छठा सैटेलाइट हैं, इसका उपयोग मुख्य तौर पर पृथ्वी का अवलोकन यानी कि पृथ्वी के विभिन्न भागों जैसे- स्थलीय, जलीय एवं तटीय क्षेत्रों की निगरानी एवं उनका मानचित्र तैयार करने के लिए किया जाता है।

इसी कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से इस मिशन को इसरो के द्वारा 14 फरवरी 2022 को PSLV-C52 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।

2. चंद्रयान-3

चंद्रयान-2 के अधूरे सपने को पूरा करने के मकसद से चन्द्रयान-3 मिशन को लांच किया जा रहा हैं, चंद्रयान-2 को इसरो द्वारा 22 जुलाई 2019 को चाँद की सतह पर उतारने के उद्देश्य से लांच किया गया था जो की सफलतापूर्वक चाँद पर नहीं उतर पाया था, इसी कार्य को पूरा करने के लिए इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया जा रहा है। इसे साल 2022 के अगस्त महीने में लॉन्च किया जाना है।

चंद्रयान 3 मिशन को चंद्रयान-2 के तर्ज पर ही बनाया जा रहा है इसलिए इसमें भी लैंडर और रोवर मौजूद होगा लेकिन ऑर्बिटर को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है, इसलिए मिशन चंद्रयान 3 को केवल लैंडर और रोवर के साथ GSLV Mark III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।


3. गगनयान

यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत भारतीय मूल के तीन लोगों को भारतीय अंतरिक्ष यान GSLV-MK3 द्वारा तीन दिन के लिए अंतरिक्ष(पृथ्वी की निचली कक्षा) में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित वापस भी लाया जाएगा। इसे साल 2023 में लॉन्च किया जाएगा।

मिशन गगनयान को मुख्य रूप से तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।

  1. सबसे पहले मानवरहित अंतरिक्ष यान परीक्षण के तौर पर वर्ष 2022 के मध्य में लॉन्च किया जाएगा। यह परीक्षण क्रू मॉड्यूल (जिसमे अंतरिक्ष यात्री मौजूद रहेंगे) के डिज़ाइन, तकनीक आदि को सुनिश्चित करेगा।

  2. इसके बाद दूसरा मानवरहित अंतरिक्ष यान इसरो द्वारा विकसित किया गया महिला रोबोट व्योममित्र के साथ वर्ष 2022 के ही अंत तक लॉन्च किया जाएगा, यह परीक्षण अंतरिक्ष मे जाने वाले व्यक्तियों के लिए जीवन समर्थन प्रणाली जैसे जरूरतों या क्रू मॉड्यूल में मानव के रहने लायक वातावरण को सुनिश्चित करेगा।

  3. और फिर इन दोनों लॉन्च के सफल परीक्षण के बाद 2023 के शुरुआत में मानवयुक्त गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा।


4. आदित्य L-1

इस मिशन का नाम आदित्य रखा गया है क्योंकि यह मिशन सूर्य से संबंधित है और आदित्य सूर्य का प्रयावाची शब्द भी होता है, यह भारत का सर्वप्रथम सौर मिशन है जिसके अंतर्गत एक उपग्रह को सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में लैग्रेंज पॉइंट-एल1 बिंदु (Lagrange point- L-1) पर स्थापित किया जाएगा।

लैग्रेंज बिंदु(Lagrange Point)-

  • पृथ्वी और सूर्य के केंद्रों को मिलाते हुए एक काल्पनिक सरल रेखा खींचने पर ऐसा बिंदु जिस पर पृथ्वी और सूर्य दोनों के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव समान होता है, वह लैग्रेंज बिंदु(Lagrange Point) कहलाता हैं।

यह आदित्य L-1 मिशन मूल रूप से सूर्य के सबसे बाहरी परत कोरोना और उसमे होने वाले विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करेगा और उससे जुडी जानकारियां एकत्रित कर इसरो को भेजेगा। इसे साल 2022 में लॉन्च किया जाना है।


5. NISAR

NISAR का पूरा नाम नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार हैं। यह मिशन पृथ्वी के अवलोकन के लिए दो अलग फ्रीक्वेंसी बैंड S band और L band सिंथेटिक अपर्चर रडार के साथ लॉन्च किया जाने वाला पहला रडार इमेजिंग सैटेलाइट मिशन होगा, इस मिशन को इसरो और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जा रहा हैं।

NISAR का फुल फॉर्म-

  • NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar

NISAR मिशन प्राकृतिक आपदाओं जैसे- भूकंप, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन, ज्वालामुखी आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में उपयोगी साबित होगा, तथा इसके मदद से पृथ्वी के सबसे ऊपरी परत क्रस्ट में मौजूद खनिज, तत्वों की जानकारी भी हासिल की जाएगी, इसे साल 2023 में GSLV Mk II रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।


6. मंगलयान-2

मंगलयान-2 मिशन भारत का मंगलयान के सफलता के बाद मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए लॉन्च किया जाने वाला दूसरा मिशन है, इसे 2024-25 के बीच GSLV Mk III रॉकेट से लॉन्च किया जाना है।


7. LUPEX

LUPEX का अर्थ Lunar Polar Exploration Mission या चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन है, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर और रोवर उतारने के उद्देश्य से इसरो और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA द्वारा संयुक्त तौर पर मिशन LUPEX को लांच किया जाएगा।

LUPEX का फुल फॉर्म-

  • Lunar Polar Exploration Mission.

  • चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन।

इस मिशन में उपयोग किया जाने वाला लैंडर का निर्माण इसरो के द्वारा जबकि रोवर का निर्माण JAXA द्वारा किया जाएगा। इस 'LUPEX' मिशन को जापानी राकेट H3 से साल 2024 या उसके बाद लांच किया जाना है।


8. शुक्रयान-1

चंद्रयान और मंगलयान मिशन की सफलता के बाद इसरो द्वारा शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए भी मिशन लॉन्च किया जा रहा है जिसे शुक्रयान-1 नाम दिया गया है। इस मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के सतहों उसकी संरचना और वहां के वायुमंडल आदि का अवलोकन कर जानकारी एकत्रित करना है। इस मिशन को 2024-26 के बीच लॉन्च किया जाएगा।



यहां हमने बात की इसरो के आगामी मिशन की जिसमे की हमने कई सारी स्पेस मिशन जैसे- गगनयान मिशन, चंद्रयान-3, LUPEX आदि से जुड़ी जानकारियां आपसे साझा की, हमें उम्मीद हैं कि अब आपको इसरो के आगामी मिशन की जानकारी हो गयी होगी,

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