|इसरो क्या है, इसका गठन कब और कैसे हुआ| What is ISRO in hindi जानिए इसरो से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।

जब भी हमारी नज़र आकाश पर पड़ती है तो हमारे मन में कई सवाल पनपने लगते हैं, ये सवाल आमतौर पर अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े होते है।

  • अंतरिक्ष पृथ्वी से परे एक व्यापक क्षेत्र है जो पृथ्वी के वातावरण की समाप्ति अर्थात पृथ्वी के सतह से 100 किलोमीटर ऊंचाई के बाद का क्षेत्र होता है और अंतरिक्ष का अध्ययन ही अंतरिक्ष विज्ञान कहलाता है।

आजादी के बाद से भारत विकास की और तेजी से बढ़ा है जिसमे की अंतरिक्ष विज्ञान का अहम् योगदान है और अंतरिक्ष विज्ञान का यह योगदान इसरो के कारण ही संभव हो पाया है। पर क्या आप जानते हैं कि इसरो क्या हैं, यह किस तरह के कार्य करता हैं और इसकी शुरुआत कब और कैसे की गई थी अगर नही तो जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़े।

इसरो क्या है?
 

इसरो क्या है? What is ISRO in Hindi? 

इसरो भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्था हैं. जो भारत के लिए अंतरिक्ष से जुड़े कार्य भार और विभिन्न तकनीक उपलब्ध कराने का काम करती हैं।

  • जैसे- संचार में सुधार के लिए संचार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना, अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाना, अंतरिक्ष के रहस्यों और विभिन्न जानकारियों को एकत्रित करना, इत्यादि। 


ISRO(इसरो) का Full Form

ISRO(इसरो) शब्द के अंतर्गत मुख्यतः चार अक्षर होते हैं। I,S,R और O 

जिसका हिंदी में अर्थ होता हैं- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 

और अंग्रेजी में- Indian Space Research Organization 


इसरो की शुरुआत कब और कैसे हुई?

इसरो का गठन 15 अगस्त 1969 को हुआ था, इसका मुख्यालय बैंगलोर (कर्नाटक राज्य) में स्थित है। वर्त्तमान में इसरो के अन्तर्गत लगभग 17000 कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।

भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान से जुडी गतिविधियां 1960 के दौरान ही शुरू हो गयी थी जब अमेरिका भी अपने संचार उपग्रहों के परिक्षण और शक्ति प्रदर्शन में लगा था और इन्हीं परीक्षणों में अमेरिकी उपग्रह 'Syncom-3' के द्वारा तब टोक्यो में अयोजित किया गया ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का सीधा प्रसारण संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया था.

जिससे प्रेरित होकर डॉ. बिक्रम साराभाई ने देश के विकाश के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका को पहचाना और फिर अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) जिसे आज इसरो कहा जाता हैं, की नींव रखी और उस संगठन का हिस्सा भी बने

•इसरो में डॉ. विक्रम साराभाई के योगदान के कारण ही इन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है।

INCOSPAR का अर्थ 

हिंदी में- भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति 

और अंग्रेजी में- Indian National Committee for Space Research 


इसरो का इतिहास।

शुरुआती दौर में इसरो के पास संसाधनों की कमी हुआ करती थी, जिसके कारण इसरो द्वारा भारत का पहला उपग्रह 'आर्यभट्ट' 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ के प्रक्षेपण यान के मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस उपग्रह का नाम भारतीय खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था, यह उपग्रह 5 दिनों तक ही अंतरिक्ष में कार्यरत रहा था।

लेकिन उसके बाद बढ़ते समय के साथ-साथ इसरो ने अपनी तकनीक में विकास करना शुरू किया और 1980 में रोहिणी नाम के एक उपग्रह को अपने ही प्रक्षेपण यान (SLV-3) से सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। 

और आज 1969 से अब तक 52 वर्ष की इस कार्यकाल के दौरान इसरो के द्वारा लगभग 120 मानव निर्मित उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया हैं और साथ ही साथ कुछ स्पेस मिशन को भी सफलतापूर्वक लांच किया गया, जिससे पूरी दुनिया में इसरो और भारत देश का नाम रौशन हुआ हैं, इन स्पेस मिशनों में चंद्रयान-1,चंद्रयान-2 और मंगलयान प्रमुख हैं।

आइये अब इन मिशन के कुछ प्रमुख उपलब्धियों को जान लेते हैं।

चन्द्रयान 1

  • चन्द्रयान-1 इसरो द्वारा चांद पर भेजा गया पहला मिशन था जिसे 22 अक्टूबर 2008 को सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया गया था इससे चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है साथ ही इसने चांद की सतह पर मैग्नीशियम, एल्युमिनियम और सिलिकॉन की मौजूदगी का भी पता लगाया है।

चंद्रयान-2

  • चंद्रयान-2 को इसरो द्वारा 22 जुलाई 2019 को चाँद की सतह पर उतारने के उद्देश्य से लांच किया गया था जो की सफलतापूर्वक चाँद पर नहीं उतर पाया था, पर चंद्रयान-2 का ओर्बिटर सफलतापूर्वक चाँद के कक्षा में स्थापित हो गया था, जिससे चांद की सतह के बारे में विभिन्न जानकारी मिली।

मंगलयान- 

  • मंगल ग्रह की सतह और वातावरण का अध्ययन करने के लिए इसरो द्वारा 5 नवंबर 2013 को मंगलयान नामक मिशन लांच किया गया था जो कि 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया था। इस मिशन के सहायता से भारत पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला प्रथम देश बना।


इसरो किसके अधीन काम करता है?

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्था है। इसलिए वर्तमान में इसका संचालन भारत सरकार अंतर्गत अंतरिक्ष विभाग के द्वारा किया जाता है जो सीधा देश के प्रधानमंत्री के निगरानी में होता है।

  • अंतरिक्ष विभाग की स्थापना 1972 में की गई थी और इसी के अंतर्गत अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े देश के सभी संस्थाओं का संचालन किया जाता है।

इसरो के संचालन लिए संगठन में एक उच्च अधिकारी का चयन किया जाता है जिन्हें इसरो चेयरमैन कहा जाता है और इन्हें ही अंतरिक्ष विभाग का सचिव का भी कार्यभार सौंपा जाता है।

• वर्तमान में इसरो चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग का सचिव है- श्रीधरा पनिकर सोमनाथ, S. Somanath

 इसरो के पहले चेयरमैन डॉ. विक्रम साराभाई थे।


हमें उम्मीद है कि इसरो से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको प्राप्त हो गए होंगे। 
अगर इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सुझाव या शिकायत हो तो हमसे साझा करे। साथ ही आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद

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