एस सोमनाथ एक भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर और इसरो के वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक है जिन्हें हाल ही में 15 जनवरी 2022 को इसरो का चेयरमैन बनाया गया है।
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इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संगठन है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है और वर्तमान में यह लगभग 17000 कर्मचारियों के साथ भारत के लिए अंतरिक्ष से जुड़े कार्य भार एवं तकनीक उपलब्ध कराने की दिशा में तत्पर है।
एस सोमनाथ इसरो के दसवें चेयरमैन बने हैं। उन्होंने 15 जनवरी 2022 को पूर्व चेयरमैन 'के. सिवन' से इसरो चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया और अब वह आगे 3 वर्ष तक इस पद पर बने रहेंगे।
इसरो के दो सबसे ताकतवर राकेट 'PSLV' और 'GSLV Mk III' के डिजाइन, विकास, इनके पीछे की इंजीनियरिंग और इसके संपूर्ण बनावट में एस सोमनाथ का अहम योगदान रहा है, इतना ही नहीं साल 2019 में लांच किए गए मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के लिए थ्रोटलेबल इंजन के विकास में भी इनका योगदान रहा है।
आइए अब जानते हैं कि एस सोमनाथ की शुरुआती जिंदगी कैसी रही है और इसरो में चेयरमैन बनने से पूर्व वह इसरो के अंतर्गत किन किन पदों पर कार्य कर चुके हैं?
| S.somnath - एस सोमनाथ |
इनका पूरा नाम श्रीधर पाणिकर सोमनाथ है।
जन्म
एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 को केरल राज्य अंतर्गत अलाप्पुझा जिला के थुरावूर गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम वेदमपराम्बिल श्रीधर पणिक्कर है जो पेशे से हिंदी शिक्षक हैं तथा मां का नाम थंकम्मा हैl
शिक्षा
इनकी शुरुआती पढ़ाई सेंट ऑगस्टीन हाई स्कूल, अरूर और महाराजा कॉलेज एर्नाकुलम से हुई जिसके बाद उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कोल्लम, केरल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पूर्ण की और फिर 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (विशेष रूप से गतिशीलता और नियंत्रण) में मास्टर्स की डिग्री हासिल कीl
करियर
अपनी पढ़ाई पूरी करने के कुछ ही समय बाद एस सोमनाथ विक्रम सराभाई स्पेस सेंटर(vssc) में शामिल हुए।
vssc - विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर-
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विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर इसरो का प्रमुख केंद्र है जो मुख्य तौर पर प्रक्षेपण यान यानी कि रॉकेट तकनीकी के डिजाइन और विकास की दिशा में कार्य करता है।
अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें PSLV (polar satelite launch vehicle) रॉकेट की जिम्मेदारी मिली जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और फिर 2003 में बतौर उप निदेशक GSLV Mk III प्रोजेक्ट से जुड़े जहां उनके कार्य कुशलता की वजह से जून 2010 में वह इसी प्रोजेक्ट के निदेशक बनाए गए
और साथ ही विक्रम सराभाई स्पेस सेंटर अंतर्गत प्रणोदन और अंतरिक्ष अध्यादेश इकाई (propulsion and space ordinance entity) के उप निदेशक एवं vssc के एसोसिएट डायरेक्टर(सहयोगी निदेशक) के तौर पर भी जून 2010 से 2014 तक कार्यरत रहे। इसी दौरान एस सोमनाथ के नेतृत्व में इसरो द्वारा LVM3-X/CARE मिशन 18 दिसंबर 2014 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
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इस मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के जटिल वायुमंडल में 126 किलोमीटर की ऊंचाई तक एक कर्मीदल माड्यूल(CREW) को पहुंचाना तथा नए डिजाइन और तकनीक आदि का सत्यापन करना
एस सोमनाथ की इसरो या उसके अधीन कार्यरत केंद्रों में नियुक्ति।
एस सोमनाथ LPSC के डायरेक्टर के रूप में।
बढ़ते समय के साथ-साथ एस सोमनाथ की पदोन्नति होती चली गई जिसमें की सर्वप्रथम वह 1 जून 2015 को LPSC के डायरेक्टर बने और 23 जनवरी 2018 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
Full form of LPSC-
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Liquid Propulsion System Centre
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तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र
इस कार्यकाल के दौरान इनके नेतृत्व में GSLV Mk III रॉकेट के आखिरी चरण को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए LPSC टीम द्वारा CE-20 नामक क्रायोजेनिक इंजन का निर्माण किया गया और GSLV Mk III रॉकेट के आखिरी चरण में इसका सफल परीक्षण भी किया गया, इस परीक्षण को C-25 का नाम दिया गया है।
और फिर 5 जून 2017 को इसी क्रायोजेनिक इंजन CE-20 से पूर्ण 'GSLV Mk III राकेट द्वारा GSAT-19 नामक संचार उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा (orbit) में पहुंचाया गया।
एस सोमनाथ vssc के डायरेक्टर के रूप में।
लगभग ढाई वर्ष LPSC के डायरेक्टर रहने के बाद वह 22 जनवरी 2018 को vssc (विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर) के डायरेक्टर बने और 14 जनवरी 2022 तक इस पद पर कार्यरत रहे। इस दौरान इनके नेतृत्व में मिशन chandrayaan-2 के लैंडर विक्रम के लिए थ्रोटलेबल इंजन का विकास किया गया था और साथ ही GSAT-9 में पहली बार विद्युत प्रणोदन प्रणाली की उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।
एस सोमनाथ इसरो के अध्यक्ष के रूप में।
15 जनवरी 2022 को इन्होंने पूर्व इसरो चेयरमैन 'के सिवन' से इसरो चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया। इसरो चेयरमैन को ही अंतरिक्ष विभाग के सचिव का भी कार्यभार सौंपा जाता हैं इसलिए एस सोमनाथ इसरो के चेयरमैन के साथ-साथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव के तौर पर भी कार्यरत हैं।
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वर्तमान में इसरो के चेयरमैन कौन है?
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एस सोमनाथ
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वर्तमान में अंतरिक्ष विभाग के सचिव कौन हैं?
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एस सोमनाथ
एस सोमनाथ को दिए गए पुरस्कार एवं सम्मान।Awards and honor given to ISRO chief S somanath
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सर्वप्रथम इन्हें अपनी मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के दौरान ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु से गोल्ड मेडल दिया गया था
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एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से स्पेस गोल्ड मेडल।
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इसरो द्वारा मेधा पुरस्कार एवं उत्कृष्टता पुरस्कार।
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2012 में इसरो द्वारा जीएसएलवी MK3 के विकास के लिए टीम उत्कृष्टता पुरस्कार।
इन पुरस्कारो के अलावा वह नीचे दिए गए संगठनों के सदस्य भी हैं जो अपने आप में सम्मानजनक बात है।
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इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (INAE)
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एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (AeSI)
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एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया
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इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (IAA)
वेतन
वैसे तो वेतन की पक्की जानकारी होना मुश्किल होता है, पर इसरो चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के तौर पर उन्हें ढाई लाख रुपये वेतन दिया जाता है। यहां पैसे से बढ़कर एस सोमनाथ जिस पद पर कार्यरत है वह बहुत ही सम्मानजनक बात है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q. वर्तमान में इसरो के चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग के सचिव कौन है? -
Ans- एस सोमनाथ
Q. एस सोमनाथ का पूरा नाम क्या है?
Ans- इनका पूरा नाम श्रीधर पाणिकर सोमनाथ है।
Q. एस सोमनाथ का जन्म कब और कहां हुआ था?
Ans- July 1963, थुरावूर (गांव) अलाप्पुझा (जिला) केरल (राज्य)
Q. एस सोमनाथ कब तक के लिए इसरो के चेयरमैन बनाए गए हैं?
Ans-यह अपने पदभार ग्रहण की तारीख मतलब 15 जनवरी 2022 से आगे 3 वर्ष के लिए चेयरमैन बनाए गए हैं।
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एस सोमनाथ की जीवनी, इसरो में उनका सफर, योगदान, पुरस्कार एवं सम्मान इत्यादि से जुड़ी जानकारियां दी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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